मंगलवार, 30 दिसंबर 2014

ये नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं है

परम आदरणीय मित्र बंधुवर ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं है || अपनी ये तो रीत नहीं है अपना ये व्यवहार नहीं है धरा ठिठुरती है सर्दी से आकाश में कोहरा गहरा है बाग़ बाज़ारों की सरहद पर सर्द हवा का ही पहरा है सूना है प्रकृति का आँगन कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं हर कोई घर में दुबका है नव वर्ष का ये ढंग नही है चंद मास इंतज़ार करो निज मन में तनिक विचार करो नये साल नया कुछ हो तो सही क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही उल्लास मंद है जन -जन का आयी है बहार अभी नहीं ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं अपना ये त्यौहार नहीं है ये धुंध कुहासा छंटने दो रातों का राज्य सिमटने दो प्रकृति का रूप निखरने दो फागुन का रंग बिखरने दो प्रकृति दुल्हन का रूप धर जब स्नेह – सुधा बरसायेगी शस्य – श्यामला धरती माता घर -घर खुशहाली लायेगी तब चैत्र शुक्ल की प्रथम तिथि को नव वर्ष मनाया जायेगा || आर्यावर्त की पुण्य भूमि पर जयगान सुनाया जायेगा युक्ति – प्रमाण से स्वयंसिद्ध नव वर्ष हमारा हो प्रसिद्ध आर्यों की कीर्ति सदा -सदा नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अनमोल विरासत के धनिकों को चाहिये कोई उधार नहीं ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं है अपना ये त्यौहार नहीं है अपनी ये तो रीत नहीं है अपना ये व्यवहार नहीं …………

बुधवार, 19 नवंबर 2014

LETTER TO THE CM OF BIHAR

सेवा में माननीय मुख्य मंत्री भारत सरकार विषय :- बिहार राज्य विकलांग/बाल श्रम कल्याण आयोग के पुनर्गठन एवं पुनर्गठित आयोग में सदस्य के रूप में मुझ विकलांग समाजसेवी के मनोनयन के सम्बन्ध में मान्यवर, विदित हो कि बिहार राज्य विकलांग आयोग / बाल कल्याण आयोग का पुनर्गठन होना निश्चित हुआ है। विकलांगों के कल्याण एवं पुनर्वास की तथा बच्चों में कुपोषण एवं बाल मजदूरी तथा अशिक्षा की समस्या जटिल है। अस्तु उनके समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरुरत है; ताकि बिहार सरकार जन कल्याण एवं जन सरोकार के संकल्पों को पूरा कर सके। सरकार के संकल्प को पूर्णतः पूरा करने में एक संकल्पित प्रतिबद्ध समाजसेवी की जरुरत पड़ सकती है। ऐसे में उपरोक्त दायित्व के निर्वहन हेतु मैं स्वयं को श्रीमान के सामने प्रस्तुत करता हूँ, और विस्वास दिलाता हूँ कि, आयोग के सदस्य के रूप में मेरे लिए जो कुछ भी विषय अपेक्षित होगा उसे मैं पूरी निष्ठा, श्रद्धा और ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करूँगा। ताकि लोगों की अभिक्षा एवं सरकार की सदिच्छा पूरी हो सके। परिचय वृत :- नाम :- रवींद्र कुमार सिंह ; पिता का नाम :- श्री त्रिवेणी प्रसाद सिंह ; पता (Since 1992) :- मारूफगंज; पुरानी जेल के नजदीक ;वार्ड न0 20; पो0+थाना+भाया :- सहरसा ; जिला - सहरसा (बिहार) 852201 ; आधार संख्या (UID):- 897427701561 ; मतदाता पहचान पत्र संख्या:- HSJ2448033 पैतृक पता :- ग्राम- फतेपुर ; पो0- माली ; थाना - सोनबर्षा राज ; जिला - सहरसा (बिहार) ; मोबाइल न0 :- 9431243115 ; email Id :- rabindra2166@gmail.com जन्म तिथि :- 09 जून, 1965 विकलांगता की स्थिति :- 50% (एक पैर जांघ तक कटा हुआ) प्रमाण पत्र संलग्न स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामाजिक सेवा कार्यक्रम :- रोटरी इंटरनेशनल / भारत विकास परिसद के बैनर तले समय-समय पर मैने जहाँ एक ओर समाज हित में अनेकों मुफ्त स्वास्थ्य जाँच शिविर (मधुमेह जाँच शिविर, यूरिक एसिड जाँच शिविर, थायरॉइड जाँच शिविर, हीमोग्लोबिन जाँच शिविर, विद्यालयी बच्चों के लिए मुफ्त एनेमिया जाँच शिविर ) का आयोजन किया है वहीँ दूसरी ओर पोलियो उन्मूलन जागरूकता रैली भी निकाली है। शिक्षा तथा समाज सुधार के क्षेत्र में कार्यक्रम :- बच्चों के शिक्षा-दीक्षा व पठन-पाठन के लिए के लिए एवं कुपोषण मुक्त समाज निर्माण के लिए समाज को उत्प्रेरित करने का कार्य तथा समाज के दबे कुचले ब्यक्तियों के पक्ष (समस्याओं को ) सम्बंधित सक्षम पदाधिकारियों व जिला प्रशासन के सामने रखकर, उन्हें हर संभव न्याय दिलाने में काफी रुचु लेता रहा हूँ। इसके अतिरिक्त 2008 में बिहार में आयी भयानक बाढ़ व कुशहा त्रासदी में भी यथा संभव बाढ़ पीड़ितों की सेवा कर ईस्वरीय कार्य में भी यथा संभव हाथ बंटाया है। और वैधानिक ज्ञान के स्तर को ऊंचा करने हेतु BSW (IGNOU) एवं CHR (IGNOU) भी कर रहा हूँ। महोदय भले हैं मेरा एक ही पैर है पर कृत्रिम पैर के सहारे आज तक मैं दिल से समाजसेवा इस विस्वास के साथ करता आ रहा हूँ कि, भले आज नहीं कल ही सही मैं अपने प्रांत के खोये गौरव को पुनः वापस करने बाले अनुभवी स्वच्छ और ईमानदार मुख्यमंत्री जी तक अवस्य पहुंचूंगा, और बृद्ध, बिधवा, विकलांग व बच्चों की सेवा करने का बिधिसम्मत दायित्व भी मुझ विकलांग को मिलेगा। अतएव श्रीमान से साग्रह निवेदन है कि, यदि मुझे राज्य विकलांग आयोग / बाल कल्याण आयोग में सदस्य व सवैतनिक सदस्य मनोनीत किया जाता है तो विकलांगता अधिनियम का सम्मान तो होगा ही, समाज के अभिच्छा पर और सरकार के सदिच्छा पर खरा उतरने के साथ हीं श्रीमान के नेतृत्व में बिधि सम्मत समाज सेवा करने का मेरा अधूरा सपना भी साकार हो जायेगा। भवदीय रवींद्र कुमार सिंह

letter to the pm of india

सेवा में माननीय प्रधान मंत्री भारत सरकार विषय :- केंद्रीय विकलांग/बाल श्रम कल्याण आयोग के पुनर्गठन एवं पुनर्गठित आयोग में सदस्य के रूप में मुझ विकलांग समाजसेवी के मनोनयन के सम्बन्ध में मान्यवर, विदित हो कि केंद्रीय विकलांग आयोग / बाल कल्याण आयोग का पुनर्गठन होना निश्चित हुआ है। विकलांगों के कल्याण एवं पुनर्वास की तथा बच्चों में कुपोषण एवं बाल मजदूरी तथा अशिक्षा की समस्या जटिल है। अस्तु उनके समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरुरत है; ताकि बिहार सरकार / केंद्र सरकार जन कल्याण एवं जन सरोकार के संकल्पों को पूरा कर सके। सरकार के संकल्प को पूर्णतः पूरा करने में एक संकल्पित प्रतिबद्ध समाजसेवी की जरुरत पड़ सकती है। ऐसे में उपरोक्त दायित्व के निर्वहन हेतु मैं स्वयं को श्रीमान के सामने प्रस्तुत करता हूँ, और विस्वास दिलाता हूँ कि, आयोग के सदस्य के रूप में मेरे लिए जो कुछ भी विषय अपेक्षित होगा उसे मैं पूरी निष्ठा, श्रद्धा और ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करूँगा। ताकि लोगों की अभिक्षा एवं सरकार की सदिच्छा पूरी हो सके। परिचय वृत :- नाम :- रवींद्र कुमार सिंह ; पिता का नाम :- श्री त्रिवेणी प्रसाद सिंह ; पता (Since 1992) :- मारूफगंज; पुरानी जेल के नजदीक ;वार्ड न0 20; पो0+थाना+भाया :- सहरसा ; जिला - सहरसा (बिहार) 852201 ; आधार संख्या (UID):- 897427701561 ; मतदाता पहचान पत्र संख्या:- HSJ2448033 पैतृक पता :- ग्राम- फतेपुर ; पो0- माली ; थाना - सोनबर्षा राज ; जिला - सहरसा (बिहार) ; मोबाइल न0 :- 9431243115 ; email Id :- rabindra2166@gmail.com जन्म तिथि :- 09 जून, 1965 विकलांगता की स्थिति :- 50% (एक पैर जांघ तक कटा हुआ) प्रमाण पत्र संलग्न सक्रीय भागीदारी :- जिला महासचिव (चिकित्सा मंच (1998-2000 ); जिला अध्यक्ष (भाजपा चिकित्सा मंच) 2000-2003 & 2003-2006 ; जिला प्रवक्ता भाजपा सहरसा 2010-2012 ; भाजपा सक्रीय सदस्य्ता संख्या 34276/2012-2014 है। बिभाग सह संयोजक धर्मजागरण (आर.एस.एस. कोशी कमिशनरी,सहरसा) / 2013-14 ; सदस्य रेड क्रॉस सोसाइटी सहरसा, पी.एच.एफ. (रोटरी इंटरनेशनल ) . सेक्रेटरी रोटरी क्लब सहरसा 2012-2013 & 2013-2014. सामजिक/राजनितिक गतिविधि :- जिला महासचिव (चिकित्सा मंच (1998-2000 ); जिला अध्यक्ष (भाजपा चिकित्सा मंच) 2000-2003 & 2003-2006 ; जिला प्रवक्ता भाजपा सहरसा 2010-2012 ; भाजपा सक्रीय सदस्य्ता संख्या 34276/2012-2014 है। भाजपा के सामान्य बुनयादी सांगठनिक कार्यक्रम के अतिरिक्त पार्टी सदस्य्ता के दौरान मैंने एक ओर जहाँ भाजपा के प्राथमिक व सक्रीय सदस्यों की 10-20% सदस्य्ता बढ़ाने का कार्य किया है तो दूसरी और बिधान सभा व लोकसभा चुनाव में अपने पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में जी तोड़ चुनावी/सांगठनिक मिहनत भी किया है। इसके अतिरिक्त जहाँ महिला मोर्चा का कार्यक्रम हो या अनुसूचित जाती मोर्चा का कार्यक्रम जब भी आयोजित हुआ मैंने बढ़-चढ़कर अपनी महती भूमिका निभाई है। तो वहीँ दूसरी ओर ह्रदय परिवर्तन के साथ राष्ट्र के मुख्य धारा से जुड़ने के उद्देश्य से जेल में बंद सैकड़ों कैदियों के हाथ में रक्षा बंधन के पवित्र अवसर पर रक्षा सूत्र (राखी ) बंधवाने का कार्यक्रम तथा अवकाश-प्राप्त शिक्षकों को सम्मानित करने का कार्यक्रम का आयोजन कर एक अति विशेष सामाजिक/राजनितिक कार्य भी किया है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामाजिक सेवा कार्यक्रम :- बीजेपी / रोटरी इंटरनेशनल / भारत विकास परिसद के बैनर तले समय-समय पर मैने जहाँ एक ओर समाज हित में अनेकों मुफ्त स्वास्थ्य जाँच शिविर (मधुमेह जाँच शिविर, यूरिक एसिड जाँच शिविर, थायरॉइड जाँच शिविर, हीमोग्लोबिन जाँच शिविर, विद्यालयी बच्चों के लिए मुफ्त एनेमिया जाँच शिविर ) का आयोजन किया है वहीँ दूसरी ओर पोलियो उन्मूलन जागरूकता रैली भी निकाली है। शिक्षा तथा समाज सुधार के क्षेत्र में कार्यक्रम :- बच्चों के शिक्षा-दीक्षा व पठन-पाठन के लिए के लिए एवं कुपोषण मुक्त समाज निर्माण के लिए समाज को उत्प्रेरित करने का कार्य तथा समाज के दबे कुचले ब्यक्तियों के पक्ष (समस्याओं को ) सम्बंधित सक्षम पदाधिकारियों व जिला प्रशासन के सामने रखकर, उन्हें हर संभव न्याय दिलाने में काफी रुचु लेता रहा हूँ। इसके अतिरिक्त 2008 में बिहार में आयी भयानक बाढ़ व कुशहा त्रासदी में भी यथा संभव बाढ़ पीड़ितों की सेवा कर ईस्वरीय कार्य में भी यथा संभव हाथ बंटाया है। महोदय भले हैं मेरा एक पैर नहीं है किन्तु जब मैं सहरसा(बिहार) के पटेल मैदान में आयोजित चुनावी सभा में 24 अप्रैल 2014 को आपके साथ मंच पर था, मेरी विकलांगता मेरे दिल व् दिमाग में बिलकुल भी नहीं थी। मैं पाग और शाल के साथ आगे बढ़ा भी पर आपको पहना नहीं पाया , जिसका कसक मुझे आज भी है। पर एक विस्वास के साथ कि, भले आज नहीं कल ही सही मैं अपने राष्ट्र को परम वैभव तक ले जाने बाले देस के सर्व श्रेष्ठ प्रधान मंत्री तक अवस्य पहुंचूंगा, और बृद्ध, बिधवा, विकलांग व बच्चों की सेवा करने का बिधिसम्मत दायित्व भी मुझ विकलांग को मिलेगा। अतएव श्रीमान से साग्रह निवेदन है कि, यदि मुझे केंद्रीय विकलांग आयोग / बाल कल्याण आयोग में सदस्य व सवैतनिक सदस्य मनोनीत किया जाता है तो विकलांगता अधिनियम का सम्मान तो होगा ही, समाज के अभिच्छा पर और सरकार के सदिच्छा पर खरा उतरने का एक अच्छा अवसर भी मुझे प्राप्त होगा। रवींद्र कुमार सिंह मारूफगंज

सोमवार, 27 अक्तूबर 2014

भगवान भाष्कर और आस्था का प्रतीक पर्व "छठ महापर्व" के पावन अवसर पर आप सभी फेसबुक प्रेमियों को हमारी ढेर सारी शुभकामनायें !

वैसे तो हिंदू धर्म में किसी भी पर्व की शुरुआत स्नान व शुद्धिकरण मंत्र "ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वास्थां गतोपि वा य:स्मरेत् पुण्डरी काक्षं स वाह्याभ्यन्तरः शूचिः" का उच्छारण कर मन्त्रोक्त बिधि से अपने वाह्य अभ्यंतर को स्वच्छ व पवित्र कर पूजा आरम्भ करते हैं किन्तु भगवान सूर्य की उपासना आस्था का महा पर्व छठ स्नान यानी नहाय-खाय के साथ शुरू होता है. मौके पर व्रती महिला स्नान और पूजन-अर्चन के बाद अरवा चावल, चना दाल और कद्दू की सब्जी, सेंधा नमक के बने प्रसाद को ग्रहण किया करती हैं जो, आज से शुरू हो चूका है. अब नहाय-खाय के दूसरे दिन यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी के दिनभर व्रती उपवास कर शाम में स्नानकर विधि-विधान से रोटी और गुड़ से बनी खीर का प्रसाद तैयार कर भगवान भास्कर की अराधना कर खड़ना का प्रसाद ग्रहण करेंगी. और इसी के साथ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा जो गुरुवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के बाद समाप्त होगा. यानी कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि (इस साल 29 अक्टूबर) को उपवास रखकर शाम को व्रतियां टोकरी (बांस से बना दउरा) में ठेकुआ, फल, ईख समेत अन्य प्रसाद लेकर नदी, तालाब, या अन्य जलाशयों में जाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर इसके अगले दिन यानी 30 अक्टूबर सप्तमी तिथि को सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर घर वापस लौटकर अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' करेंगी/ व्रत तोड़ेंगी. सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल देने वाले इस पर्व को पुरुष और महिला समान रूप से मनाते हैं, परंतु आम तौर पर व्रत करने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है. कुछ साल पहले तक मुख्य रूप से यह पर्व बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता था, परंतु अब यह पर्व पूरे देश में मनाया जाता है. प्राचीन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस अनुपम महापर्व को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं और उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की अराधना की जाती है. व्रत करने वाले मां गंगा और यमुना या किसी नदी या जलाशयों के किनारे अराधना करते हैं. इस पर्व में स्वच्छता और शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है. मान्यता है कि खड़ना पूजा के बाद ही घर में देवी षष्ठी (छठी मईया) का आगमन हो जाता है. इस पर्व में गीतों का खास महत्व होता है. छठ पर्व के दौरान घरों से लेकर घाटों तक कर्णप्रिय छठ गीत गूंजते रहते हैं. व्रतियां जब जलाशयों की ओर जाती हैं, तब भी वे छठ महिमा की गीत गाती हैं. छठ से जुड़ी प्रचलित लोक कथाओं के अनुसार भगवान राम और माता सीता ने रावण वध के बाद कार्तिक शुक्ल षष्ठी को उपवास किया और सूर्यदेव की आराधना की और अगले दिन यानी सप्तमी को उगते सूर्य की पूजा कर सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था। तबसे लेकर आज तक इस महा पर्व को इसी विशेष उद्देश्य से मनाया जाता है. एक अन्य मान्यता के अनुसार छठ की शुरुआत महाभारत काल में सबसे पहले अंग प्रदेश यानी वर्तमान बिहार के भागलपुर के राजा व सूर्यपुत्र कर्ण ने यह पूजा आरम्भ की. कर्ण घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया करते थे और शक्ति व सौर्य को प्राप्त करते थे. दूसरी ओर महाभारत काल में ही पांडवों की भार्या द्रौपदी के भी सूर्य उपासना करने का उल्लेख है जो अपने परिजनों के स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना के लिए नियमित रूप से यह पूजा किया करती थीं. तो आईये हमसब मिलकर छठ महापर्व के पावन अवसर पर एक दूसरे को सम्बल प्रदान करें ! भगवान भाष्कर और आस्था का प्रतीक पर्व "छठ महापर्व" के पावन अवसर पर आप सभी फेसबुक प्रेमियों को हमारी ढेर सारी शुभकामनायें !

शुक्रवार, 24 अक्तूबर 2014

स्वच्छ भारत - स्वस्थ्य भारत बनाने में शिक्षण संस्थानों एवं छात्रों की भूमिका

स्वच्छ भारत - स्वस्थ्य भारत बनाने में शिक्षण संस्थानों एवं छात्रों की भूमिका स्वच्छता, निर्मलता, स्वातंत्रय, स्वावलम्बन, सत्य, सदाचार, एवं सहयोग को गांधी ने जीवन का अनिवार्य तत्व/ तत्त्व एवं उपलब्धि का अमिय उत्स माना है. उन्हीं के शब्दों में - "स्वच्छता के बगैर भक्ति असंभव है, भक्ति से ईश्वर की प्राप्ति होती है और ईश्वर के अतिरिक्त इस दुनियां में और किसी के पास हमारे जीवन में समृद्धि एवं शांति का संचार करने की शक्ति नहीं - क्या तुम्हें भी जीवन में समृद्धि एवं शान्ति चाहिए (?) तो अंततः वाह्य स्वच्छता-निर्मलता लाए बिना उसकी प्राप्ति संभव नहीं" - यह गांधी का मात्र उद्घोष वाक्य नहीं था; बल्कि उनके जीवन का मूलमंत्र भी था. भारत में शास्त्रों ने भी शुचिता-पवित्रता पर काफी जोर दिया है। यही कारण है कि किसी भी अनुष्ठान / उत्सव/ समारोह का आयोजन बिना शुचिता-स्वच्छता के सम्भव ही नहीं है। इसीलिए तो पूजा व अनुष्ठान से पूर्व हम 'ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वास्थां गतोपि वा य:स्मरेत् पुण्डरी काक्षं स वाह्याभ्यन्तरः शूचिः' मन्त्रोक्त बिधि से अपने वाह्य अभ्यंतर को स्वच्छ व पवित्र कर पूजा आरम्भ करते हैं। स्वच्छता के प्रति राष्ट्रपिता की कठोरता को लोकसेवक संघ के संवैधानिक मसौदे से भी परखा जा सकता है, जिसमे कहा गया है की 'कार्यकर्ता को गाँव की स्वच्छता एवं सफाई के बारे जागरूक करना चाहिए' और गांव में फैलने बाली बिमारियों को रोकने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने चाहिए। आम भारतियों में स्वच्छता के प्रति अरुचि को वो विनाशकारी मानते थे। 1916 के मिशनरी सम्मलेन में भाषण के दौरान उन्होंने गांव की स्वच्छता के मामले को जोर से उठाया तथा उसके अविलम्ब समाधान की बात की। उन्होंने स्कूली और उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में स्वच्छता को तुरंत शामिल करने पर जोर दिया। गुरुकुल कांगड़ी के 20 मार्च,1916 के अपने भाषण में बापू ने स्वच्छता एवं सफाई के नियमों के साथ ही उसके कठोर पालन को प्रशिक्षण का अभिन्न अंग मानते हुए कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो माना जाएगा कि 'शिक्षा अपने उद्देश्य में विफल रही है'। चंपारण आंदोलन के क्रम में भी गांधी जी ने सफाई एवं स्वच्छता की महत्ता की चर्चा करते हुए अंग्रेज प्रशासन से सफाई को शिक्षा में समाहित करने का आग्रह किया था। गांधी जी द्वारा 1920 ईo में स्थापित गुजरात विधापीठ के शिक्षकों, कर्मियों एवं छात्रों के लिए क्वार्टरों, गलियों, नालियों, कार्यालयों, स्थलों, परिसरों आदि की नित्य सफाई करना अनिवार्य माना गया था। तात्पर्य यह है कि गांधी ने शिक्षा, शिक्षार्थी एवं सफाई को एकरूप करने का आह्वान किया था तथा कहा था कि 'बिना शिक्षण संस्थानों एवं छात्रों को स्वच्छता का मन्त्र बताए इस अभियान को परिणति तक पहुँचाना अत्यंत कठिन है'। विश्व पैसिफिक इंस्टिट्यूट के आंकड़ों के अनुसार भारत की अधिकांश आबादी सुरक्षित स्वच्छता से काफी दूर है, 2008 सर्वेक्षण में मात्र 30% जनसँख्या 52% शहरी एवं 20% ग्रामीण ही स्वच्छता के करीब थी। यूनिसेफ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2012 के मुताबिक भारत की 50% आबादी अर्थात 62.6 करोड़ लोग खुले में शौच जाते हैं जबकि सरकार का संकल्प था कि वर्ष 2012 तक भारत को निर्मल एवं स्वच्छ घोषित कर दिया जायगा। सम्पूर्ण स्वच्छता का सम्बन्ध प्रत्येक घर, विधालय एवं सार्वजानिक स्थल पर उपयोगी शौचालय के निर्माण और अपशिष्ट पदार्थ के प्रबंधन से है, न कि मात्र शौचालय का ढांचा खड़ा कर देने से। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के कुल 16.78 करोड़ घरों में से मात्र 5.48 करोड़ घरों में हीं शौचालय बन पाये हैं अर्थात 67.3%घरों की पहुँच अब भी स्वच्छता सुविधा तक नहीं हो पायी है। गांधी जयंती के अवसर पर २ अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करते हुए 2019 ईo तक भारत को स्वच्छ बनाने की घोषणा की है तथा इस हेतु ब्यक्तिगत, सामूहिक एवं सामुदायिक शौचालय के निर्माण,पाइपलाइन द्वारा जल की समुचित उपलब्धि तथा अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर दिया गया है। 1.77 करोड़ की दर से 8.84 करोड़ को स्वच्छ भारत निर्माण हेतु शौचालय प्रोत्साहन शौचालय निर्माण की बृद्धि दर 3% से बढ़ाकर 10% करना, 14000 शौचालय प्रतिदिन निर्माण को बढ़ाकर 48000 प्रतिदिन करना समय पर काम को सख्ती से लागु करना पंचायतों को कौशल से लैस करना शिक्षण संस्थानों को संवेदनशील एवं समाज के प्रति उत्तरदायी बनाना आदि स्वच्छ भारत परिवारों निर्माण की कार्ययोजना मानी गयी है, सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक पदम भूषण श्री बिन्देश्वर पाठक ने सरकार को भेजी अपनी कार्ययोजना में स्पष्ट किया है कि, अगर दो लाख लोगों को प्रशिक्षित कर इस काम में लगाया जाय तो एक प्रशिक्षित व्यक्ति के जिम्मे 13 गाँव अर्थात 3000 शौचालय निर्माण (प्रतिवर्ष 600 शौचालय निर्माण ) की जिम्मेवारी होगी जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है . सुलभ आंदोलन के तहत to put pour flush compost toilet पर्यावरण अनुकूल, सस्ता और सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य माना गया है तथा इस प्रोधोगिकी में मानव मॉल या अपशिष्ट का पुनर्चक्रण कर उसे जैव उर्बरक में परिवर्तित किया जाता है तथा फ्लश में मात्र एक लीटर पानी की खपत होने से पानी का संचय भी हो पाता है। इस तरह कम खर्च में/ कम समय में देश में शौचालय बंचित तीन लाख विधालय भी शौचालय युक्त हो जाएंगे और देश को गांधी जी 150 वीं जयंती (2019) के पूर्व खुले शौच की प्रवृति एवं प्रतीति से मुक्ति मिल सकेगी। बापू ने कहा था कि अगर हम अपने घरों एवं ग्रामों को साफ को नहीं रख सकते तो स्वराज की बात बेमानी होगी। गुजरात विधापीठ ने पिछले दो बर्षों में 1300 से अधिक शौचालयों का निर्माण बगल के गांवों में कराकर न केवल स्वच्छता अभियान को बल दिया है, बल्कि शैक्षिक संस्थानों की सामाजिक जबाबदेही का भी परिचय दिया है और वास्तव में गांघी जी यही चाहते भी थे . शिक्षा और स्वच्छता की चर्चा करते हुए वर्ष 1933 में गांधीजी ने स्वयं लिखा था और 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीवगांधी ने जिसे आगे बढ़ाया - ' शिक्षा देने के लिए तीन आर (रीडिंग, राइटिंग एवं रेमेम्बरिंग ) का ज्ञान होना ही काफी नहीं है। शिष्टाचार एवं स्वच्छता तीनों आर (रीडिंग, राइटिंग एवं रेमेम्बरिंग ) की शिक्षा से पहले अपरिहार्य है'। गांधी ने तीनों आर (रीडिंग, राइटिंग एवं रेमेम्बरिंग ) की शिक्षा को स्वच्छता के बिना महत्वहीन एवं अर्थहीन कहा। शिक्षण संस्थानों को गांधी ने स्वच्छता एवं संस्कार का अग्रदूत कहा था। अतएव मेरे विचार से स्वस्थ एवं स्वच्छ भारत निर्माण हेतु आम जन में जागरूकता एवं मानवीय संवेदनशीलता निर्माण में छात्रों की भूमिका विभिन्न रूपों में - छात्र रूप में, घर के बच्चों के रूप में, दबाव समूहों के रूप में, नौनिहालों के रूप में साथ ही स्वच्छ भारत निर्माण के अग्रदूत के रूप में प्रभावी एवं प्रसारी हो सकती है। और इससे मानवाधिकारों की रक्षा भी होगी। रवींद्र कुमार सिंह Mobile No - 9431243115

शनिवार, 30 अगस्त 2014

हिंदू धर्म

Golok Behari Rai Yesterday at 12:04pm · अगर हिंदू धर्म बुरा है तो क्यो नासा के वैज्ञानीको ने माना की सूरज से ॐ की आवाज निकलती है? क्यो अमेरिका ने भारतीय देशी गौमुत्र पर 4 patent लिया व कैंसर और दूसरी बिमारियो के लिये दवाईया बना रहा है ? जबकी हम गौमुत्र का महत्व हजारो साल पहले से जानते है .क्यो अमेरिका के सेटन हाल यूनिवर्सिटी मे गीता पढाई जा रही है? क्यो इस्लामिक देश इंडोनेशिया के aeroplane का नाम भगवान नारायण के वाहन गरुड के नाम पर garuda indonesia है जिसमे garuda का symbol भी है? क्यो इंडोनेशिया के रुपए पर भगवान गणेश की फोटो है? क्यो बराक ओबामा हमेशा अपनी जेब मे हनुमान जी की फोटो रखते है? क्यो आज पूरी दुनिया योग-प्राणायाम की दिवानी है? क्यो भारतीय हिंदू वैज्ञानीको ने हजारो साल पहले ही बता दिया की धरती गोल है ? क्यो जर्मनी के aeroplane का संस्कृत नाम Lufthansa है ? क्यो हिंदुओ के नाम पर अफगानिस्थान के पर्वत का नाम हिंदूकुश है? क्यो हिंदुओ के नाम पर हिंदी भाषा, हिन्दुस्तान, हिंद महासागर ये सभी नाम है? क्यो वियतनाम देश मे visnu भगवान की 4000 साल पुरानी मूर्ति पाई गई? क्यो अमेरिकी विज्ञानीक haward ने शोध के बाद माना की गायत्री मंत्र मे 110000 freq के कंपन है? क्यो बागबत की बडी मस्जिद के इमाम ने सत्यार्थ- प्रकाश पढने के बाद हिंदू धर्म अपनाकर महेंद्रपाल आर्य बनकर हजारो मुस्लिमो को हिंदू बनाया और वो कई बार जाकिर नाईक से debate के लिये कह चुके है मगर जाकिर की हिम्म्त नही हुइ. अगर हिंदू धर्म मे यज्ञ करना अंधविश्वास है तो क्यो भोपाल गैस कांड मे जो कुशवाह परिवार एकमात्र बचा जो उस समय यज्ञ कर रहा था ,गोबर पर घी जलाने से १० लाख टन आक्सीजन गैस बनती है . क्यो julia roberts(American actress and producer) ने हिंदू धर्म अपनाया और वो हर रोज मंदिर जाती है. अगर रामायण झूठा है तो क्यो दुनियाभर मे केवल रामसेतू के ही पत्थर आज भी तैरते है? अगर महाभारत झूठा है तो क्यो भीम के पुत्र ''घटोत्कच'' का विशालकाय कंकाल वर्ष 2007 में नेशनल जिओग्राफी की टीम ने भारतीय सेना की सहायता से उत्तर भारत के इलाके में खोजा? क्यो अमेरिका के सैनिकों को अफगानिस्तान (कंधार) की एक गुफा में 5000 साल पहले का महाभारत के समय का "विमान" मिला है?

शनिवार, 10 मई 2014

caste wise voters in madhepura Parliamentary constituency

CASTE WISE VOTERS IN MADHEPURA PARLIAMENTARY CONSTITUENCY :- ASSEMBLY T VOTORS BRAHMAN RAJPUTRA KAYASTH BHUMIHAR YADAV MUSHALIMS KOYRI KURMI BAISHYA B REST OBC EBC PASWAN RAM MAHADAL RESTMD ST OTHERS ALAMNAGAR 301329 2.76% 4.27% 0.06% 0.76% 8.20% 18.19% 5.01% 4.45% 1.06% 7.87% 32.01% 4.76% 3.11% 6.63% 0.70% 0.13% 0.53% BIHARIGANJ 275104 3.44% 3.78% 0.51% 0.09% 23.06% 13.09% 3.60% 1.65% 2.03% 9.08% 21.21% 3.45% 2.86% 8.62% 1.30% 1.82% 0.41% MADHEPURA 291896 0.92% 2.61% 0.87% 0.04% 40.94% 8.18% 2.61% 1.26% 5.23% 5.82% 16.14% 1.96% 3.42% 9.28% 0.56% 0.08% 0.10% MAHISHI 260594 5.31% 3.64% 0.71% 0.91% 21.15% 17.83% 1.99% 5.46% 0.21% 11.76% 15.47% 5.06% 3.44% 5.26% 0.92% 0.37% 0.00% SAHARSA 325307 11.20% 6.03% 1.70% 0.26% 20.42% 11.71% 1.29% 4.01% 1.49% 15.60% 15.69% 2.53% 2.87% 3.39% 1.30% 0.05% 0.43% SONBARSA 270177 5.79% 6.81% 0.08% 0.05% 20.01% 10.14% 4.52% 8.65% 1.56% 9.39% 13.88% 2.89% 3.56% 9.89% 1.93% 0.57% 0.20% ALAMNAGAR 301329 8316.6804 12866.75 180.7974 2290.1004 24708.98 54811.7451 15096.58 13409.1405 3194.087 23714.59 96455.41 14343.26 9371.332 19978.11 2109.303 391.7277 1597.044 BIHARIGANJ 275104 9463.5776 10398.93 1403.0304 247.5936 63438.98 36011.1136 9903.744 4539.216 5584.611 24979.44 58349.56 9491.088 7867.974 23713.96 3576.352 5006.893 1127.926 MADHEPURA 291896 2685.4432 7618.486 2539.4952 116.7584 119502.2 23877.0928 7618.486 3677.8896 15266.16 16988.35 47112.01 5721.162 9982.843 27087.95 1634.6176 233.5168 291.896 MAHISHI 260594 13837.541 9485.622 1850.2174 2371.4054 55115.63 46463.9102 5185.821 14228.4324 547.2474 30645.85 40313.89 13186.06 8964.434 13707.24 2397.4648 964.1978 0 SAHARSA 325307 36434.384 19616.01 5530.219 845.7982 66427.69 38093.4497 4196.46 13044.8107 4847.074 50747.89 51040.67 8230.267 9336.311 11027.91 4228.991 162.6535 1398.82 SONBARSA 270177 15643.248 18399.05 216.1416 135.0885 54062.42 27395.9478 12212 23370.3105 4214.761 25369.62 37500.57 7808.115 9618.301 26720.51 5214.4161 1540.009 540.354 T VOTERS 1724407 86380.875 78384.85 11719.901 6006.7445 383255.9 226653.259 54213.09 72269.7997 33653.94 172445.7 330772.1 58779.95 55141.2 122235.7 19161.1445 8298.998 4956.04 1724329 BJP VOTERS BJP VOTERS / 833264 RJD VOTERS /626909 JDU VOTORS / 281136 833263.8628 RAM BRAHMINS RAJPUTRA KAYASTH BHUMIHAR BAISHYA PASWAN OBC&EBC RJD VOTERS YADAV MUSHLIMS OTHERS JDU VOTS KOYRI KURMI MAHADAL R MD/ST/O 55141 86381 78385 11719 6007 33654 58759 503217.9 626909 383256 226653 17000 281136.2 54214 72270 122236 32416.18 रवींद्र कुमार सिंह पीएचएफ रोटरी इंटर नेशनल सहरसा 9431243115

बुधवार, 12 फ़रवरी 2014

कर्तव्यनिष्ठ

कल्पतरु कर्तव्यनिष्ठ एक व्यक्ति एक्सीडेंट से घायल अपने बच्चों को लेकर अस्प्ताल पहुंचा। चकउप के बाद डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन होगा। स्पेश्किस्त सर्जन उस वक्त हॉस्पिटल में मौजूद नहीं थे। उन्हें फोन किया गया। सर्जन जितनी जल्दी हो सकता था आ गए। फिर भी उन्हें आने में आधे घंटे का समय लग गया। घायल बच्चे के पिता डॉक्टर पर भड़क उठे उर कहते हैं आपको अपना कर्तब्य भी नहीं पता। आप हॉस्पिटल से गायब हैं और जब बुलाया जाता तो इतनी देर से आते हैं .... . सर्जन ने कहा मैं जितनी जल्दी आ सकता था आ गया ......। सर्जन बात पूरी कर भी नहीं पाये थे कि बच्चे के पिता बिफर उठे - अगर आपके आपके बच्चे का एक्सीडेंट होता तब भी आप इतनी ही देर से आते ? सर्जन ने कहा मुझे बातों में मत उलझाइये इस समय तुरंत ऑपरेशन करना होगा। सर्जन ऑपरेशन थिएटर में चले गए। एक घंटे तक बच्चे के पिता बैचेन रहा। वह संशय में रहे कि , मैंने उसे जाली कटी सुना दी सर्जन वैसे ही लापरवाह हैं , कहीं .......। वह भगवन से प्रार्थना करने लगा। एक घंटे बाद सर्जन ने बहार आकर कहा , बधाई हो ऑपरेशन सफल रहा मुझे जल्दी जाना है , निकट हूँ , आप नर्स से दवाईयां समझ लें। पिता खुश था परन्तु वह सोच भी रहा था कि, सर्जन तो बड़ा घमंडी है, दो मिनट बात भी नहीं की। सच , उसे अपना कर्तब्य पता ही नहीं है। पिता नर्स के पास गया। नर्स ने बताया - डॉक्टर साहब के बच्चे की मौत एक एक्सीडेंट में हो गयी है। जब उन्हें फोन कर यहाँ बुलाया गया , तब वे उनकी अंत्येष्ठि कर रहे थे। बच्चे का पिता स्तब्ध रह गया। कथा मर्म / भावार्थ :- पूरी बात बिना जेन - बुझे किसी पर प्रश्नचिन्ह लगाना उचित नहीं है , हालाँकि कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति प्रश्नचिन्ह लगाने पर भी विचलित नहीं होता और अपना कम जिम्मेदारी पूर्वक करता है। jagran 12 feb 2014