सोमवार, 11 मार्च 2013

जनहित में पोलिथिन तथा फास्ट-फूड के बिक्री पर लगे कानूनी रोक

जनहित में पोलिथिन तथा फास्ट-फूड के बिक्री पर लगे कानूनी रोक बुरी लत , बाजारू खान-पान (फास्ट-फूड) व पेय पदार्थ का सेवन , दूरदर्शन पर अधिक से अधिक समय तक जमे रहने की प्रवृति, बाल डाई करने की आदत के साथ हीं बढती आबादी और घने प्रदुषण से यदि हम कैंषर जैसी घातक रोगों की बात छोड़ भी दें तो कहीं यक्ष्मा तो कहीं मोटाप व मधुमेह कहीं यकृत के रोग , कहीं अनिद्रा सर दर्द व माईग्रेन से तो फिर कहीं अस्थि जन्य रोग व फेफड़े तथा ह्रदय के घातक रोग के रोगियों की बढती संख्या ने हमें चिंतित व ब्यथित किया है. आज के नौजवान धड़ल्ले से धुम्रपान , मादक द्रब्यों का सेवन व पेय पदार्थों का सेवन करते हैं जबकि उन्हें गाय का दूध , फल-फूल व हरी शब्जियों का सेवन किन्तु प्रतिदिन ५-७ ग्राम ही प्रति ब्यक्ति नमक का सेवन करना चाहिए . उसके बदले लोग नशीली पदार्थों का सेवन ज्यादा करते हैं . आज अच्छी उपयोगी चीजों का उपयोग हमारे जीवन में मात्र 20% ही रह गया है . सबेरे सोना और सबेरे जागना नीम व साहुड आदि के तीते दत्तन से दांतों को साफ करना , "सूर्य-नमस्कार" करना , ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीना जो आज भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से काफी फायदेमंद व उपयोगी माना जाता है , हम पूर्ण रुपेन भूल चुके हैं और उसके जगह ब्रश, प्लास्टिक का बर्तन तथा पालीथिन का २००से ४०० % तक ब्यवहार कर न केवल पैसे का दुरूपयोग करते हैं बल्कि नाले से जल निकासी की समस्या , नाहक जल अवरोध से उत्पन्न सडन व बदबू से दम्मा , एलर्जी व पित्ती तथा चेचक व खशरे का शिकार भी होते हैं इसके साथ हीं समष्टि व ब्याष्टि के हित में एक विषैला वातावरण का निर्माण करते हीं हैं जिससे हम स्वस्थ्य रह नहीं सकते बल्कि नदियों का पानी व पवित्र "गंगा-जल" तथा धरती के नीचे पाए जाने बाले जीवन के सबसे कीमती पदार्थों यानि 'शुद्ध पेय-जल' को भी काफी अपवित्र व प्रदुसित कर देते हैं . फलतः हम मनुष्य इस प्रकार अपने रेडीमेड प्रवृति से उत्पन्न प्रदुसित जल का सेवन कर रोगाग्रस्त होकर अपने उज्जवल किन्तु दुर्लभ मानव जीवन को अल्पायु में हीं मौत के मुह में धकेल कर काल कलवित होते जा रहे हैं. ऐसे में हम अपने सरकार से व जिला प्रशासन से मांग करते हैं कि, जनहित में फास्ट-फूड तथा पोलिथिन के बिक्री पर स्थायी तौर पर रोक लगाकर हमें तथा हमारे समाज के नौजवानों को इस धर्म शंकट से उबरने तथा इससे होने बाले खतरे से निजात दिलाने में हमारी सहायता करें ! चूँकि भारतीय लोकतंत्र के नव निर्माण में स्वास्थ्य और स्वस्थ्य तथा शिक्षित समाज / नागरिकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है . अस्तु आईये हम सब मिलकर भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत तथा गौरवशाली बनायें ! धन्यवाद ! रवींद्र प्रमंडलीय प्रशासन प्रमुख धर्मजागरण विभाग आर.एस.एस

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