शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

GUJRAT AUR MODI

आज सम्पूर्ण देश भ्रष्टाचार मुक्त साशन व प्रसाशन के पक्ष में बड़ी मजबूती से खड़ा है मिले एतिहशिक नतीजे से यह साफ हो गया है कि, बदलते केन्द्रीय राजनितिक परिदृश्य और यूंपीए सरकार द्वारा हासिये पर ला खड़े कर दिए गए "भारतीय-लोकतंत्र " के "हश्र" से ब्यथित व चिंतित सभी छः करोड़ गुजरातियों में भ्रष्टाचार-मुक्त साशन व प्रसाशन पाने की छटपटाहट है. इस नतीजे से यह स्पष्ट हो गया है कि , न्याय के साथ विकास पाने की जनाकांक्षा ने ही फिर से ऐतिहाशिक जनादेश देकर प्रदेश की तश्वीर बदली है . ऐसा प्रतीत होता है जैसे वास्तव में अब देश केंद्र में भी माननीय नरेन्द्र मोदी की भ्रष्टाचार मुक्त शासन व प्रशासन को पाने के लिए अंगराई ले रही है. न्याय के साथ विकास को नया आयाम देकर लगातार पांचवीं बार गुजरात में भाजपा को सत्ता दिलाने बाले तथा अपने लिए तीसरी बार इतिहाश गढ़ने बाले नरेन्द्र मोदी की जीत से यह रेखांकित हुवा है कि, वो धर्म के साथ खड़े हैं , अधर्म उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता . मेरे बिचार से धर्म को आगे रखकर जो कोई भी राजनीती करेंगे उनका इसी तरह हमेशा ही विजय होगा ...... ध्यान रहे , धर्म वो महासागर है जिसमे तमाम छोटे - बड़े सागर और सभी छोटी बड़ी नदियाँ अर्थात सभी नीतियाँ समाहित हैं . इस प्रकार हम कह सकते हैं कि, राजनीती धर्म का एक एक अंश मात्र है. दुसरे शब्दों में धर्म एक "टिकाऊ-राजनीती" है . अस्तु , "तुच्छ -राजनीति" नहीं करनी चाहिए .धर्म आधारित राजनीती गुजरात में देखा गया है जहां विकास के ढेर सारी नीतियाँ बनी किन्तु नरेन्द्र मोदी ने किसी खाश वर्ग व समुदाय के लिए नहीं अपितु पुरे छः करोड़ गुजरातियों के लिए बनाया एवं उन नीतियों का कडाई से पालन भी किया . पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ राज्य में माताओं का सम्मान , बड़ों के प्रति आदर और सम्मान तथा बच्चों के प्रति स्नेह और प्यार का भाव के साथ ही हरे पेड़ पौधे (जंगल) का विस्तारीकरण एवं अन्य वन्य प्राणियों के प्रति रक्षात्मक भाव व उदार-नीति धर्म आधारित राजनीती को तथा नरेन्द्र मोदी की विशेषता को परिभाषित करता है. नरेन्द्र मोदी कितने महान नेता हैं उनकी अपनी महानता , विशालता और विनम्रता को कल आपने देखा होगा ........ किस तरह जीत के बाद एक विशाल कद बाले हिंदुस्थानी नेता अपनी माता से मिलने के तुरत बाद माननीय केशु भाई से मिलकर उनका चरण स्पर्श करते हैं उनसे आशीर्वाद व शुभकामनाएं प्राप्त करते हैं तथा सोफा के जगह एक साधारण कुर्शी लेकर उनके सामने बैठकर एक दुसरे का मुह मीठा करते हैं.

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