मंगलवार, 26 मार्च 2013

एक दिवशीय प्रमंडलीय धर्म जागरण दौरा 23-03-2013

एक दिवशीय प्रमंडलीय धर्म जागरण दौरा 23-03-2013 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा रोज गुरुवार यानि आगामी ११ अप्रैल १३ विक्रम संवत २०७० को हिन्दू नव वर्ष मनाया जाना है . इसे ध्यान में रखकर सम्पूर्ण भारत वर्ष में धर्म जागरण का कार्य चल रहा है . इसी आलोक में प्रमंडलीय प्रशासन संपर्क प्रमुख के दायित्व में मैं रवींद्र दिनांक २३-०३-१३ को अपने उत्तर बिहार के प्रांतीय संयोजक धर्म जागरण समन्वय बिभाग के माननीय भूपेंद्र प्रियदर्शी के साथ एक दिवशीय प्रमंडलीय दौरे पर निकलते हुए सहरसा तथा सुपौल जिले के कई प्रखंड तथा पंचायतों का भ्रमण किया तथा बैठके भी ली . सत्तर प्रखंड के पंचगछिया सरस्वती शिशु मंदिर में वहां के कई गणमान्य बुद्धिजीवियों माननीय दिवाकर झा , केशव कुमार, जय शंकर मिश्र , सिम्मी कुमारी, शंकर झा , शशिनाथ झा , अधिवक्ता रंजन जी आदि के साथ बैठक को संबोधित करते डॉ. रवींद्र कुमार सिंह ने सर्व प्रथम बच्चों के पाठ्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए कहा की आज के पाठ्यक्रम में न तो स्वामी विवेकानंद की और न ही महर्षि अरविंदो द्वारा प्रतिपादित बिचारों का समन्वय दीखता है जो भरी चिंता का विषय है . राष्ट्र के इन महान चिंतकों ने कहा था की पाठ्यक्रम हमेशा ही आध्यात्म , विज्ञान , तर्क और आस्था पर आधारित होना चाहिए और इसके साथ ही ब्यवहारिक और सांस्कृतिक तथा शारीरिक पहलु पर अधिक बल देने की आवश्यकता जताई गयी थी जिससे स्वास्थ्य समाज और स्वास्थ्य राष्ट्र निर्माण हो सकता है . हमें हरगिज नहीं भूलना चाहिए कि, ऐसे पाठ्यक्रम से ही भारतीय लोकतंत्र के अनुरूप निष्कलंक किन्तु अबाध जीवन और विकास संभव है . ऐसे पाठ्यक्रम का लागू नहीं होना हम सभी भारत वाशियों के लिए कही न कही पश्चिमी सभ्यता व चकाचोंध के आगे झुकने व साजिस का शिकार होने जैसा संकेत दे रहा है. हमें अपने मूल आदर्शों के प्रति काफी गंभीर और सख्त होने की जरुरत है अतः आने बाले नव बर्ष से पाठ्यक्रम में बदलाव की मांगो के साथ ही कम से कम अपने - अपने घरों पर धर्म ध्वजा लगाने तथा "जय राम श्री राम जय जय राम" महा मन्त्र का जप व चलते फिरते "जय श्री राम" कहने का अभ्यास जरुर डालें . इसी प्रकार राघोपुर , बशंतपुर प्रखंड अंतर्गत बायशी एवं रतनपुरा पंचायत की बैठकों में भी दूर दराज से पहुंचे सभी बुद्धिजीवियों से अपने सांस्कृतिक व आध्यात्मिक धरोहरों को सहेज कर रखने तथा भारतीय भेष-भूषा को अपनाये रखने के साथ ही बच्चों के उचित देख-रेख व् शिक्षा-दीक्षा का बिशेष ख्याल रखने का सुझाव दिया . अपने संबोधन में श्री सिंह ने कहा की वैसे तो हमारी सभ्यता और संस्कृति अति प्राचीन तथा अत्यंत ही मजबूत है और हमारा हिन्दू हमारा संघ एक अभेद किला जैसा है , बाबजूद इसके यदि कोई कुत्सित ब्यक्ति इसे क्षति पहुँचाने की चेष्टा मात्र भी करता है तो हमें उसे पशिमी सभ्यता का प्रवर्तक मानकर उसका प्रतिकार / डंटकर मुकाबला करना ही चाहिए . अपहृत बच्ची के घर वापसी का विषय हमारे समाज के लिए एक अच्छा संदेस देता है. बच्ची की और इशारा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि, चाहे कोई गंगा को कितना भी अपवित्र करने का प्रयाश कर ले उसकी धारा के आगे वह टिक नहीं सकता . ठीक उसी प्रकार हमारा मानना है कि, आज भी हमारी बच्ची के ह्रदय में गंगा की पवित्र , अविरल और निष्कलंक बहती धारा की तरह ही हिंदुत्व की धारा बह रही है . हमें उसके उज्जवल भविष्य तथा उच्च स्तरीय शिक्षा-दीक्षा का प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए . अधिकारी द्वय ने यहाँ भी लोगों से अपने-अपने घरों में "धर्म-ध्वज' लगाने तथा "जय राम श्री राम जय जय राम" का नित्य पाठ करने का आग्रह किया . इसके साथ ही होली को बड़े ही सादगी और भाईचारे के साथ मनाने तथा हर्बल रंग व अबीर का ब्यवहार करने का भी सुझाव दिया एवं होली कि शुभकामनायें भी दी ! सुपौल जिला संयोजक प्रदीप जायसवाल तथा सहरसा जिला के सह कार्यवाह माननीय उदाहरण भगत के मौजूदगी में रामनारायण मेहता को सांस्कृतिक प्रखंड प्रमुख राघोपुर , शिवनारायण मेहता को सह सांस्कृतिक प्रखंड प्रमुख राघोपुर , अनिल कुमार मेहता पूर्व मुखिया बायसी को पंचायत संयोजक बायसी . भगवत मेहता को प्रखंड संयोजक रतनपुरा , रंजित मेहता को प्रखंड प्रशासनिक संपर्क प्रमुख राघोपुर , नारायण मेहता को प्रखंड प्रशासनिक संपर्क प्रमुख बशंतपुर , गोपाल झा को प्रखंड सह संयोजक बशंतपुर का दायित्व सौंपा गया .

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